रावण के दस सिरों के समान जटिल रोगों के भी अनेक सिर
क्या आपके अंतर्मन में ये सवाल नहीं उठते हैं कि पिछले 10 -15 सालों में बढ़ते रोगों का हठ लाइलाज क्यों होते जा रहा है ?
डॉ. सर्वजीत कौर चानना
होम्योपैथ/साइकोलॉजिस्ट
BHMS/MA clinical psychology
Owner of – Dr.Kaur’s Homoeopathy Clinic, Raipur (C.G.)
Ex-physician (Owner) of Prabhsimar Homoeocure Clinic (New Delhi)
Ex-lecturer in MP Homoeopathy College Raipur (C.G.)
Achievement As 1st rank University topper in Chhattisgarh (Gold Medal Nominee)
जिस प्रकार रावन का एक सिर काटते ही दूसरा प्रकट हो जाता था उसी प्रकार आज के दौर में होने वाले रोगों के पुनरावृति के भी ऐसे कई रहस्य हैं।
आईए जानते हैं कुछ ऐसे रहस्याओं को जिनकी वजह से रोग एकाधिक और चिरकालिक जटील होते जा रहे हैं –
1) ऑटोइम्यून बीमारियां
बहुत से मरीजों को ये नहीं पता होता है उनका इम्यून सिस्टम ही उनके स्वस्थ कोशिकाओं पर लगातार हमला कर रहा है। वे बिना सही जांच कराऐ ही अनावश्यक दवाइयां खाकर बिस्तर में पड़े अपना जीवन निकल लेते हैं। सही जांच और सही इलाज करने से ही रोग जड़ से जाएगा।
2) लाइफस्टाइल डिसऑर्डर्स-
(Lifestyle disorders)
ये ऐसे कारण है जिनके लिए हम खुद ज़िम्मेदार होते हैं। इससे होने वाली बीमारियों में डायबिटीज, हृदय रोग, मोटापा इत्यादि शामिल है। सिर्फ लाइफस्टाइल मैनेज करने के रहस्य को आप समझ लेंगे तो इन बीमारियों को कंट्रोल कर सकते हैं।
3 ) मेंटेंनिंग कॉज़ेस (Maintaining causes) –
ये कुछ ऐसे कारण होते है जिनकी वजह से रोग ठीक ही नहीं होते हैं चाहे आप कितनी भी दवाइयां खा ले। जैसे- जिन चीजों से आपको एलर्जी है अगर आप उन्हें लगातार इस्तेमाल करते रहेंगे तो एलर्जी कभी ठीक नहीं होगी, डस्ट वाली जगह में लगातार काम करते रहेंगे तो फेफड़ों के रोग होते रहेंगे।रोगों से बचने के लिए मेंटेंनिंग कॉसेस से दूर रहना पड़ता है।
4 ) स्वयं ही दवा का चयन करना (Self medication) –
आज के दौर का सबसे भयानक सच और छोटी सी बीमारी का बड़ा रूप लेने का कारण सेल्फ मेडिकेशन है लोगों को बीमारी की गहराई का ज्ञान होता नहीं है और वे सिर्फ दो-चार लक्षणों के बलबूते ही स्वयं का उपचार करने में लगे रहते हैं ये एक खतरनाक क्रिया है।
5) अत्यधिक मानसिक दबाव –
सही मायने में स्वस्थता का मतलब शारीरिक और मानसिक रूप से प्रबल होना होता है। अगर आप किसी प्रकार के मानसिक तनाव से जूझ रहे हैं तो भी आपकी बीमारी दीर्घकालिक होते जाएगी और हर वक्त एक नया रूप लेगी।
अगर हम इन छोटी-छोटी बातों पर ध्यान दें तो हम अपनी बीमारियों को जटिल बनाने से बच सकते हैं।