कवर स्टोरी

सकारात्मक सोच सफलता की राह को आसान करती है : दिव्या तंवर

 

डॉ. दिव्या तंवर

प्रोफेसर, सोशल एंटरमैच्योर, साइबर सिक्योरिटी एक्सपर्ट

संस्थापक – दिव्य फाउंडेशन

अपने अपने शैक्षणिक कैरियर में विविध उपलब्धियां हासिल की हैं। उच्च शिक्षा के क्षेत्र में आपकी शैक्षणिक योग्यताओं के बारे में जानना चाहेंगे?

 

एक प्रोफेसर होने के साथ-साथ मैं एक सोशल एंटरप्रैन्योर हूं और साइबर क्राइम एक्सपर्ट हूंं। अपनी शैक्षणिक उपलब्धियों की बात करू तो मैंने बीएससी इलेक्ट्रानिक्स, एमसीए, एम.टेक, एम. फिल और साइबर सिक्योरिटी में डाक्टरेट की उपाधि हासिल की है। इसी के साथ-साथ मैं इन दिनों ज्योतिष विज्ञान में भी डाक्टरेट कर रही हूं। ज्योतिष विज्ञान हमारे जीवन में मार्गदर्शक का काम करता है। हमारे जीवन चक्र में आने वाली बहुत सारी कठिनाईयों का समादान ज्योतिष विज्ञान विशेषज्ञ से मार्गदर्शन लेकर किया जा सकता है।

 

आपके शैक्षणिक काल और आज की हाई-टेक शिक्षा प्रणाली में आप क्या अंतर महसूस करती हैं। ऐसी कौन सी विशेषताएं हैं जो आपने अपने अध्ययन के दौरान सीखीं जो आज के माहौल में नहीं है?

 

हमारे शैक्षणिक काल के दौरान सबसे बड़ी विशेषता यह रहती थी कि शिक्षक औार छात्रों में एक अच्छा सामंजस्य होता था, पढ़ाई का एक आत्मीय माहौल होता था। शिक्षक अपने सभी छात्रों को उनके नाम से जानते थे और प्रत्येक छात्र की काबिलियत को देखते हुए उसे प्रोत्साहित करते थे। आज की शिक्षा पूरी तरह से तकनीकी हो गई है और इटंरैक्टिव भी आजकल पढ़ाई के लिए ऑनलाईन संसाधन उपलब्ध है जो उन दिनों नहीं थे। पुस्तकों द्वारा अध्ययन करने से हमारे अध्ययनकाल में एकाग्रता बहुत अच्छी होती थी जो इलेक्ट्रानिक माध्यमों की पढ़ाई में इसकी कमी दिखती है। समय के साथ जो बदलाव हो रहे हैं उसे स्वीकार भी करना चाहिए।

 

प्रोफेशन, परिवार और सामाजिक जीवन में आने वाली चुनौतियों को आपने किस रूप में स्वीकारा?

 

चुनौतियों को हमेशा मैंने सकारात्मक रूप में स्वीकारा है चाहे वो प्रोफेशनल हो, पारिवारिक या सामाजिक। नित नई चुनौतियां ही हमारी सफलता का मार्ग प्रशस्त करती है। अपने संघर्षमयी जीवन में आई चुनौतियों से मैंने बहुत कुछ सीखा है। हमें अपने जीवन में आने वाली चुनौतियों को अवसर के रूप में स्वीकार करना चाहिए।

शैक्षणिक क्षेत्र में अपने प्रोफेशनल कैरियर की सबसे बड़ी उपलब्धि आप क्या मानती हैं?

 

मुंबई स्थित सौमैय्या विद्याविहार विश्वविद्यालय में एक प्रोफेसर के रूप में यहा के छात्रों से जुडऩा और उन्हें शिक्षा देना मेरे शैक्षणिक कैरियर की सबस बड़ी उपलब्धि है। इसके साथ-साथ दिव्य फाउंडेशन की संस्थापक होना भी मेरे लिए बहुत गर्व की बात है। समाज में जरूरतमंद लोगों की सेवा के लिए यह फाउंडेशन समर्पित है।

आप साइबर सिक्योरिटी एक्सपर्ट हैं। विशेषकर महिलाएं साइबर क्राइम की ज्यादा शिकार होती हैं। एक एक्सपर्ट के रूप मे ंआप क्या सलाह देना चाहेंगी?

 

साइबर क्राइम और साइबर सुरक्षा के बारे में जागरुकता बढ़ाने की बहुत अ्िधक आवश्यकता है। इन दिनों महिलाएं साइबर क्राइम की बहुत शिकार हो रही हैं। महिलाओं से मेरी सलाह है कि ऑनलाइन अपनी आइडेंटिटी को बिल्कुल सुरक्षित रखें। सोशल मीडिया पर अपनी व्यक्तिगत जानकारी को कभी साझा न करें। अपने ऑनलाईन खातों के लिए मजबूत और अलग-अलग पासवर्ड का उपयोग करें। नियमित रूप से पासवर्ड बदलते रहें। अपनी ईमेल आईडी पर किसी भी लिंक को क्लिक करने से पहले सतर्क रहें। ऑनलाइन शॉपिंग के लिए प्रमाणिक वेबसाईटों का ही उपयोग करें।

आप दिव्य फाउंडेशन की संस्थापक हैं। इसे शुरू करने के पीछे आपकी प्रेरणा कौन हैं। इस फाउन्डेशन में मुख्य रूप से किन कार्यों पर फोकस रहता है?

 

दिव्य फाउंडेशन को शुरू करने के पीछे मेरी प्रेरणा मेरे माता-पिता रहे हैं। उनकी दी हुई शिक्षा और संस्कारों से मुझे प्रेरणा मिली कि सामाजिक कार्यों में मुझे अपने सार्म्थय अनुसार यथोचित योगदान देना है। उन्हीं की प्रेरणा से मैंने दिव्य फाउंडेशन की स्थापना की। इस फाउंडेशन के अंतर्गत हम निचली बस्तियों मेंं रहने वाले बच्चों के लिए शिक्षा की सुविधा देते हैं साथ ही महिलाओं को उनके हुनर के हिसाब से रोजगार उपलब्ध करवाने की पहल करते हैं। ज्यादातर हमारा फोकस शिक्षा और महिला सशक्तीकरण पर होता है।

 

आपके व्यक्तित्व में कई गुण समाहित हैं। आप एस्ट्रोलॉजी की भी जानकार हैं। कई प्रैक्टिकल लोग एस्ट्रोलॉजी में विश्वास नहीं करते। आपका क्या अनुभव रहा है?

 

एस्ट्रोलॉजी हमारे जीवन में मार्गदर्शन का काम करता है। हमारे जीवन चक्र में जो भी ईश्वर द्वारा निर्धारित है उसे हम ज्योतिष विज्ञान द्वारा समझने और जानने का प्रयास करते हैं। ज्योतिष को प्रैक्टिकल लोगोंं के नकारने से इसका महत्व कम नहीं हो जाता। यह विज्ञान लोगों को उनके जीवन में आने वाले उतार-चढ़ावों के बारे में समयपूर्व इशारा कर उसके समाधान के लिए मार्गदर्शन करता है। यह भी अपने आपमें एक विज्ञान है और अनेकों बार इसकी सार्थकता सिद्ध हो चुकी है।

 

आपने अपनी एक स्पीच में कहा था कि हमारा जीवन एक तरह से स्क्रिप्टेड है। इसे आप किस तरह से समझाना चाहेंगी?

 

जी हां, मैंने अपनी एक स्पीच में यह बात कही थी। हमारा जीवन पूरी तरह से स्क्रिप्टेड ही होता है। नियति द्वारा निर्धारित सारे घटनाक्रम हमारे जीवन में समयानुसार घटित होते रहते हैं। यही घटनाक्रम हमारे जीवन के अनुभव होते हैं। हमारे जीवन में हर क्रिया और प्रतिक्रिया का एक निश्चित प्रभाव होता है। हमें अपने कर्म हमेशा करते रहना है, सकारात्मक सोच के साथ जिसके परिणाम भी सार्थक होते हैं।

 

एक लेखिका के रूप में आपकी उपलब्धियों के बारे में जानना चाहेंगे?

 

साइबर सिक्योरिटी मेरा प्रमुख विषय है। मैं सामाजिक और तकनीकी दृष्टिकोण पर अपने लेखन को केन्द्रित करती हूं। मानसिक स्वास्थ्य पर लिखना भी मेरी प्राथमिकता है। इसके अलावा महिला सशक्तीकरण और नेशनल एजुकेशन सिस्टम पर भी नियमित लिखती हूं।

 

आप प्रोफेशनल, पारिवारिक और सामाजिक कार्यों में निरंतर व्यस्त रहती हैं। आपके चेहरे में हमेशा सहज मुस्कान रहती है। विभिन्न कार्यों में सामंजस्य कैसे बिठा पाती हैं?

 

समय के प्रति प्रतिबद्धता और प्रबंधन क्षमता प्रोफेशनल, पारिवारिक और सामाजिक कार्यों के सामंजस्य में सहायता करती हैं। अपने कार्यों की प्राथमिकताओं के आधार पर उन्हें पूर्ण करने का प्रयास करती हूं। कार्यों को योजनाबद्ध तरीके से करना, समय का सटीक और प्रभावी उपयोग भी सभी कार्यों के तालमेल के लिए आवश्यक होता है। नियमित रूप से व्यायाम, ध्यान और स्वास्थ्यपरक आहार से मुझे आध्यात्मिक और शारीरिक ऊर्जा मिलती है जिससे मैं हमेशा प्रसन्न रहती हूं।

अपनी सफलताओं का श्रेय किसे देना चाहेंगी?

 

अपने माता-पिता का हृदय से आभार प्रकट करना चाहती हूं। उन्होंने मुझे एक अनुशासित जीवन दिया और जीवन मूल्यों की गहराई बताई। इसके अलावा मेरे प्रेरणास्रोत और मार्गदर्शक वी.एन. राजशेखरन पिल्लई, सौमैया विद्याविहार विश्वविद्यालय के उपाध्यक्ष को भी दिल की गहराईयों से धन्यवाद देना चाहती हूं जो मेरे मेंंटर रहे हैं। उन्होंने मुझे जीवन में बड़े सपने देखने के लिए प्रेरित किया. उनकी दी हुई शिक्षा और मार्गदर्शन मेरी सफलता का एक आधार है। सफलता का एक श्रेय मैं सकारात्मक सोच को भी देना चाहूंगी।

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