कॉरपोरेट फोकस

साइबर सिक्योरिटी के प्रति जागरूकता जरूरी

‘सिक्योर इन साइबर वर्ल्ड’ सभी को खुद को ऑनलाइन सुरक्षित रखने की जागरूकता और टेक्ननोलॉजी और आपके डेटा के लिए बढ़ते खतरे, चुनौतियों को समझने के लिए विभिन्नन तरीकों से प्रेरित करता है।

 

डॉ. प्रज्ञा कौशिक

डॉ. प्रज्ञा कौशिक मीडिया एजुकेटर हैं

हिसार में सरकारी विश्वविद्यालय, कॉलेज और पॉलिटेक्निक में संचार कौशल, जन संपर्क विषय में विजिटिंग फैकल्टी के रूप में अपनी सेवाएं देती हैं।

वे CSR से डिजिटल सेफ्टी मेंटर के रूप में जुड़ी हुई हैं। वे Google मीडिया साक्षरता प्रशिक्षक के रूप में कार्यशालाएं आयोजित करती हैं। इससे पहले उन्होंने जीजेयू हिसार के मास कॉम विभाग में सहायक प्रोफेसर के रूप में काम किया।AIR हिसार और कुरूक्षेत्र में उद्घोषक का कार्य कर चुकी हैं।

वे विभिन्नन वेब पोर्टलों, मैगज़ीन और समाचार प्लेटफार्मों के लिए समसामयिक लेख लिखती हैं। मीडिया साक्षरता के विशेषज्ञ रूप में व्याख्यान और कार्यशाला आयोजित करती हैं।

भारत में अक्टूबर त्योहारों का महीना है वहीं साइबर सुरक्षा जागरूकता महीना भी है। संयुक्त राज्य अमेरिका ने 2004 से अक्टूबर महीने को साइबर सुरक्षा जागरूकता महीना घोषित किया है, जिसका इस वर्ष का थीम ‘सिक्योर इन साइबर वर्ल्ड’ सभी को खुद को ऑनलाइन सुरक्षित रखने की जागरूकता और टेक्नोलॉजी और आपके डेटा के लिए बढ़ते खतरे, चुनौतियों को समझने के लिए विभिन्न तरीकों से प्रेरित करता है।

 

साइबर सिक्योरिटी जागरूकता के लिए विश्वभर में विभिन्न संस्थान, समूह विभिन्न अभियान चला रहे हैं जिनका समाज के सभी क्षेत्र और वर्ग द्वारा सहयोग और पालन किया जा रहा है इसमें विद्यालय और विश्वविद्यालयों का विशेष सहयोग मिल रहा है। इस दिशा में पुलिस अधिकारी, साइबर सैल और विशेष समूहों का भी योगदान मिल रहा है।

साइबर सिक्योरिटी का मतलब है इंटरनेट पर सुरक्षा। जब हम इंटरनेट से जुड़े होते है तब कई प्रकार के खतरों से हमें स्वयं को बचाना होता है क्योंकि अलग अलग तरीकों से साइबर सुरक्षा को भेद कर कोई भी हमारे सिस्टम को हैक कर सकता है और हमारे पर्सनल डाटा का दुरूपयोग कर सकता है। इसी खतरे को रोकने के लिए साइबर सुरक्षा नियमों को जानना और उनका उपयोग करना सीखना आवश्यक है जबकि बहुत से लोग इन धोखों का शिकार हो चुके हैं।

साइबर सिक्योरिटी का काम इंटरनेट नेटवर्क से जुडे उपक्रम, सोफ्टवेयर्स और डेटा नेटवर्क को सुरक्षित करना है जिससे इंटरनेट पर होने वाली संदिग्ध गतिविधियों से हमारे डेटा को सुरक्षित रखा जा सके और सुरक्षित ढंग से अपने आनलाइन कार्य किए जा सकें। होम मिनिस्ट्री और साइबर सिक्योरिटी सैल द्वारा संचालित ‘साइबर दोस्त’ ने आमजन के लिए टिप्स बताएं हैं जिनका अनुसरण करके साइबर अपराध से खुद को सुरक्षित रख सकते हैं।

 

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी ने भी डिजिटल अरेस्ट’ की बढ़ती घटनाओं पर चिंता जताते हुए इससे बचने के लिए सभी देशवासियों से ‘रुको, सोचो और एक्शन लो’ का मंत्र सांझा किया और इस बारे में अधिक से अधिक जागरुकता फैलाने का आह्वान किया।

 

साइबर सिक्योरिटी ऐथिक्स का भी पालन करें। साइबरएथिक्स उपयोगकर्ताओं को सुरक्षित रूप से इंटरनेट का उपयोग करने और जिम्मेदारी और समझदारी से टेक्नोलॉजी का नैतिक, सामाजिक और कानूनी रूप से सुरक्षित उपयोग करने के लिए प्रेरित करता है, जिसमें निहित है कि आप किसी को भी नुकसान पहुँचाने के लिए कंप्यूटर का प्रयोग न करें, आप दूसरों के कंप्यूटर के काम में दखल न करें

 

आप दूसरों की फाइलों की जासूसी नहीं करेंगे आप झूठी गवाही देने के लिए कंप्यूटर का उपयोग नहीं करेंगे, – आप इसके लिए सॉफ्टवेयर का उपयोग या कॉपी नहीं करेंगे। हम सभी की जिम्मेदारी भी है कि सूचित रहें अन्य को भी डिजिटल सेफ्टी के बारे में बतायें।

 

इन बातों का भी ध्यान रखें जैसे कि-

एप्लीकेशन की सुरक्षा ।

सूचना की सुरक्षा।

डेटा के नुकसान से बचाना।

एन्क्रिप्टेड वेबसाइट और ऐप्स, का उपयोग करें।

 

लॉक अप और शट डाउन करें।

 

एप्स और वैब साइट्स के नियम और शर्तें अवश्य पढें व समझें।

 

असुरक्षित वाई-फाई स्रोतों का उपयोग न करें। वास्तविकता से मिथक को अलग करना सीखें और सिखायें।

माता पिता और शिक्षक ध्यान रखें कि बच्चें आयु प्रतिबंध साइट्स के लिए साइनअप न करें।

अनावश्यक फोन काल को अटैंड न करें,और नही उनके बताये

लिंक और काल को क्लिक करें।

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