कवर स्टोरी

हर फिल्म कुछ नया सीखाती है

मैंने जिन भी निर्देशकों के साथ काम किया है, उनकी अपनी शैली और स्टाइल है, प्रत्येक से मैंने कुछ न कुछ सीखा है।

दीक्षा जायसवाल

एक्टर एवं क्लासिकल डांसर

 

छत्तीसगढ़ी फिल्मों की सफल अभिनेत्री दीक्षा जायसवाल से गुरबीर सिंघ चावला की विशेष मुलाकात

 

 

 

क्या आप मानती है कि एक्टिंग और संवाद अदायगी के लिए एक्टिंग ट्रेनिंग कोर्स की जरूरत होती है। आपने अभिनय की ट्रेनिंग कहां से ली?

 

ऐसा जरूरी नहीं है कि अभिनय के लिए कोर्स करना ज़रूरी हैं। यह आपकी रुचि पर निर्भर करता है। आप जितना काम कर सकें उतना अच्छा है अगर आपके अंदर समर्पण, ज़ुनून है तो आप अपने टैलेंट को साबित करने कर सकते हैं। ट्रेनिंग कोर्स से अपनी कला को बेहतर और लेवल अप करने में मदद जरूर मिलती है। सीखना और ज्ञान कभी खत्म नहीं होता उसी तरह हम भी अपने आप को चुनौती देकर अपनी कला को निरंतर निखार सकते हैं।

आपकी पहली फ़िल्म कौन सी थी, जिसने आपको एक एक्टर के रूप में पहचान दी?

 

मेरी पहली डेब्यू फिल्म “बी. ए फाइनल ईयर” थी । इस फिल्म से मुझे सीजी इंडस्ट्री में एक बड़ा आधार मिला। प्रणव झा फिल्म प्रोडक्शन एक बड़ा बैनर है और यह फिल्म एक सीक्वल थी। प्रणव जी ने मुझ पर विश्वास किया और मुझे अपनी कला को प्रदर्शित करने का अवसर दिया। इसमें मैंने जो कैरेक्टर किया फिल्म में वो बिल्कुल ही मेरे असली नेचर से विपरीत था। इससे मुझे खुद को चुनौती देने और कई तरीकों से खुद को परखने का मौका भी दिया। अपने इस किरदार के साथ मैने पूरा न्याय किया और मेरे काम को पसंद किया गया। मैंने अपने करियर की शुरुआत में कुछ सीजी गाने किए थे और फिर मेरी मुलाकात प्रणव झा जी से हुई। उन्होंने मुझे एक एल्बम सॉन्ग में मौका दिया। मेरा लुक टेस्ट हुआ ऑडिशन हुआ और यह मेरे लिए एक अवसर बन गया। फिर उन्होंने मुझे फिल्म के लिए साइन किया।

 

वर्ष 2024 आपके लिए कैसा रहा। अपनी किन उपलब्धियों के बारे में बताना चाहेंगी?

 

साल 2024 मेरे लिए अद्भुत रहा, इसी साल मेरी पहली फिल्म मेरी कुछ अन्य फिल्मों के साथ रिलीज हुई। लोगों ने मुझे अपना भरपूर प्यार और आशीर्वाद दिया। मैंने कई निर्देशकों ,निर्माताओं और अलग अलग टीमों के साथ काम किया है। बहुत सारे क्रिएटिव लोगों से मेरी मुलाकात हुई।

 

आप छत्तीसगढ़ी फिल्मों की एक सफल और चर्चित अभिनेत्री हैं। यह बड़ी सफलता आपके सिने करियर के लिए क्या मायने रखती है।

 

⁠मेरा उद्देश्य अपने जुनून से विभिन्न शैलियों में काम करना है। इसके साथ ही मुझे जनता का प्यार भी मिला जो सोने पे सुहागा जैसा है। लोगों को मेरी कला पसंद आई, वे मुझे अलग-अलग किरदारों में देखना चाहते हैं और मैं इसके लिए कड़ी मेहनत करना जारी रखूंगी। यह न केवल मेरे लिए बल्कि उन सभी के लिए एक उपलब्धि है जिन्होंने मेरे काम को पसंद किया है।

आपकी नई छत्तीसगढ़ी फ़िल्म “ मोर छईयां भुईयां 2” बहुत चर्चित हुई और शानदार प्रदर्शन किया। यह फ़िल्म आपके लिए कितनी चैलेजिंग रही?

 

“मोर छैंहा भुइयां 2” फिल्म मेरे करियर का एक बहुत बड़ा आधार है। जब इसका पहला सीक्वल रिलीज़ हुआ था तब मैं पैदा भी नहीं हुई थी। इस फिल्म के निर्देशक सतीश जैन जी अपने आप में एक ब्रांड है। इस फिल्म में काम करना सिर्फ मेरा ही नहीं बल्कि हर कलाकार का सपना रहा है। सभी लोगों ने अपना प्यार दिया है। उत्साह के साथ हमारे लिए विश्वास और चुनौती रहती है कि हम इसके नाम को बरकरार रखें। सतीश जी ने हमें इस काबिल समझा, यह मेरे लिए बहुत मायने रखता है। मैंने सुधा की भूमिका निभाई है। मैं ज्यादातर चंचल चुलबुली रहती हूं, इसलिए यह मेरे लिए चुनौतीपूर्ण था। सतीश जी और टीम ने हमेशा मेरा समर्थन किया और मुझे और बेहतर बनाने में मदद की।

 

छत्तीसगढ़ी सिनेमा का वर्तमान परिदृश्य आप कैसा देखती है?

 

छत्तीसगढ़ फिल्म इंडस्ट्री काई मायनों में आगे बढ़ रही है। हमारी इंडस्ट्री ने एक अलग जगह बनाई है| चाहे वो तकनीक की बात हो या गुणवत्ता की अवसर भी बढ़े हैं। हमारी संस्कृति, हमारी बोली हमारे तौर तरीके जो हमें आगे बढ़ने की प्रेरणा देते हैं जिनका प्रदर्शन हमारी फिल्मों में हो रहा है। सभी लोग बढ़ चढ़ के अपनी कला के साथ काम कर रहे हैं और उम्मीद है आने वाले समय में हम सभी मिलकर और नई ऊंचाइयां हासिल करेंगे।

 

 

मोर छईया भूईआं 3” के कलाकारों के साथ काम करने का कैसा अनुभव रहा?

 

“मोर छैंहा भुइयां 3” के कलाकारों के साथ काम करने का बेहतरीन अनुभव रहा है। काम की गंभीरता के साथ साथ मौज-मस्ती का माहौल भी रहा। हम सब कलाकारों का एक साथ काम करना इतना सहज हो गया कि पता ही नहीं चला कि कब शूटिंग पूर्ण हो गई। मैं शूटिंग के इन पलों को हमेशा एक स्मृति के रूप में संजोकर रखूंगी |

किसी भी फिल्म की सफलता में निर्देशक का सबसे बड़ा योगदान होता है। एक अभिनेत्री की दृष्टि से आपके फेवरेट डायरेक्टर्स के बारे में जानना चाहेंगे?

 

मैंने जिन भी निर्देशकों के साथ काम किया है, उनकी अपनी शैली और स्टाइल है, मैंने उनमें से प्रत्येक से मैंने कुछ न कुछ सीखा है। एक निर्देशक टीम का कैप्टन होता है, जिसे सभी दबावों का सामना करने के साथ-साथ हमेशा ऊर्जावान हो कर और हर मोर्चे पर लगा रहना होता है। मैं सभी निर्देशकों से बहुत प्रेरित रही हूं। हर फिल्म कुछ नया सीखाती है।

 

अपने हजारों प्रशंसकों से क्या कहना चाहेंगी जो आपके अभिनय के दीवाने हैं?

 

मैं उनसे कहना चाहती हूं कि मुझ पर विश्वास करने, मेरा समर्थन करने के लिए आपका शुक्रिया। मैं कड़ी मेहनत करती रहूंगी और आप सभी के सामने अलग-अलग किरदारों में आती रहूंगी ताकि आपका मनोरंजन हो सके और मैं आपके चेहरे पर एक छोटी सी मुस्कान ला सकूं। आप सभी ने मेरी कला को पसंद किया है और मैं इसके लिए हमेशा आभारी रहूंगी।

 

विभिन्न किरदारों में अपने अभिनय के श्रेष्ठ प्रदर्शन के लिए किन बातों पर फोकस करती हैं?

 

अलग-अलग भूमिकाओं के लिए मैं सबसे पहले अपने रोल को ध्यान से सुनती हूं ताकि यह समझ सकूं कि मेरा व्यक्तित्व फिल्म में किस प्रकार का है, फिर मैं अपने चरित्र से मिलते-जुलते कुछ संदर्भ का अध्ययन करती हूँ। मैं खुद को चुनौती देना चाहती हूँ कि मैं अपनी भूमिका के साथ कितना न्याय कर सकती हूं और अपने वास्तविक स्वरूप से कितना अलग हो सकती हूँ। यह दर्शकों पर निर्भर है कि उन्हें मेरी कला कितनी पसंद आती है। मैं बस अपने काम के प्रति समर्पण बनाए रखती हूँ।

 

आपकी आकर्षक मुस्कान और फिटनैस की राज क्या है?

 

यह मुस्कान तो मुझे अपनी मम्मी से विरासत में मिली है। फिटनेस, डांसिंग एक्सर्साइज़ और योगा के कारण बरकरार है, सात्विक आहार लेना ,ध्यान और सकारात्मक सोच से व्यक्तित्व में निखार बना रहता है।

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